Saturday, December 19, 2009

ज्ञान और परिणाम

विवेकानन्द जैसे महान विद्वान ने ज्ञान को जनसाधारण के लिये उपयोगी तथा मानवता की मुक्ति के लिए व्यावहारिक बनाने के लिए अपना सम्पूर्ण जीवन लगा दिया सच्चे ज्ञानी स्वतःस्फूर्त रुप से ज्ञान का स्वार्थ के लिए नही अपितु सर्वार्थ के लिए व्यावहारिक उपयोग करते ही है और जो व्यावहारिक नही होता उसे त्याग देते हैझूठे ज्ञानी ,सच्चे ज्ञान का मुखौटा लगाकर, उसकी खाल ओढ कर, अपने तथा अपने अनुनाइयो की स्वार्थ साधना मे लगे रहते है उन्हे मानवता की समस्याओ के व्यावहारिक समाधान खोजने में उबकाइयां आती है झूठे ध्यान, झूठी समाधि, झूठे परमानन्द में लीन होने की झूठी दिव्य अनुभूतियो के साथ सच्ची स्वार्थ साधना में लीन रहते है सच्चे ज्ञानियो के कार्य मानवता की मुक्ति से अभिप्रेत होते है तथा वैसे ही परिणाम भी देते है । झूठे ज्ञानियो के कार्य मानवता की मुक्ति की बात भर करते है परिणाम उल्टा होता है मानवता की समस्याओ मे उत्तरोत्तर वृद्धि होती जाती है और उनके तथा उनके अनुनाइयो का धनबल सत्ताबल तथा झूठा धर्मबल[पंथबल] बढता जाता है धर्म, अर्थ तथा राजनीति पर एसे ही झूठे ज्ञानियो का वर्चस्व है मनुष्य,समाज तथा पर्यावरण का निरंतर बढता नकारात्मक व्यवहार इस बात का स्वत:सिद्ध प्रमाण है ।

6 comments:

  1. वाह बडी ज्ञान की बातें कही आपने ..शुभकामनाएं

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  2. जैसे क्राइम की दुनिया में कहा जाता है , और हिन्दी फिल्मो के भरोसे हम सब जानते हैं कि ..हत्यारा एक बार सबूत मिटाने के लिये घटना स्थल पर जरूर लौटता है , या कुच अच्छा सा उदाहरण ले तो हम जानते हैं कि प्रेमी जोड़ा फर्स्ट मीटींग पाइंट पर जब तब फिर फिर मिलता रहता है ...कुछ उसी तरह ब्लागर अपनी पोस्ट पर एक बार जरूर फिर से आता है , टिप्पणियां देखने के लिये ....तो मैं भी यहां हूं .. टिप्पणी करके लेखक का मनोबल बढ़ाने का सारस्वत कार्य जरूरी है , स्वागत है ब्लाग की दुनिया में

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  3. हिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
    कृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी टिप्पणियां दें

    कृपया वर्ड-वेरिफिकेशन हटा लीजिये
    वर्ड वेरीफिकेशन हटाने के लिए:
    डैशबोर्ड>सेटिंग्स>कमेन्टस>Show word verification for comments?>
    इसमें ’नो’ का विकल्प चुन लें..बस हो गया..कितना सरल है न हटाना
    और उतना ही मुश्किल-इसे भरना!! यकीन मानिये

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  4. Sach kaha..dharm ke naam pe adharm hota rahta hai..
    Swagat hai!

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  5. Thanks for your kind and encouraging comments, I am grateful to all of you.

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